एग्रीकल्चर लाइसेंस बनाने के लिए, सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करना होगा। लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करें और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें। आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके पास सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध हैं। आवेदन भरते समय अपने लाइसेंस के लिए अनुमति शुल्क भी जमा करना होगा। अधिक जानकारी के लिए, स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
खाद का लाइसेंस बनवाने के लिए आपको अपने स्थानीय कृषि विभाग में जाकर आवेदन करना होगा। आपको आवेदन फॉर्म, अनुमति शुल्क, खाद का सैंपल, खाद तैयार करने के लिए उपकरण जैसे खाद मिक्सर, कम्पोस्ट बिन, खाद बैग आदि की ज़रूरत हो सकती है।
खाद बीज दुकान वह स्थान होता है, जहाँ ग्रामीण एवं शहरी किसान खेती से सम्बंधित सभी प्रकार की खाद, बीज तथा अन्य खेती संबंधित उपकरणों को खरीद सकते हैं। इससे किसानों को अपनी खेती से संबंधित सभी सामग्रियों के लिए अलग-अलग जगह जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती है और सरलता से सभी चीजों की आवश्यकता पूरी होती है।
व्यापार लाइसेंस: खाद बीज दुकान खोलने के लिए आपको स्थानीय व्यापार लाइसेंस की आवश्यकता होगी। इस लाइसेंस के लिए आप अपने राज्य या क्षेत्र के व्यापार विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
कृषि व्यवसाय उत्तर प्रदेश में एक मुख्य व्यवसाय है, जो देश के भोजन की मुख्य संस्थाओं में से एक है। इस संस्था के महत्वपूर्ण तत्वों में उत्तरदायी एक कृषि व्यवसाय है। यह उन्नत तकनीक और अधिक उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है। आज, हम बात करेंगे सबसे महंगी बिकने वाली फ़सल कौन सी है।
अगर हम बात करें तो, सबसे महंगी फ़सल है सफेद मूसली। यह एक प्राकृतिक उत्पाद है जो कि भारत में खेती की जाती है। यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी बड़ी मात्रा में उत्पादित होती है। सफेद मूसली का मूल्य 35 से 40 हजार रुपये प्रति किलो होता है।
किसान के लिए सबसे अच्छा बिजनेस कौन सा है? कृषि व्यवसाय उत्तर प्रदेश में एक अच्छा विकल्प हो सकता है। उत्तर प्रदेश भारत के सबसे बड़े राज्यों में से एक है, जहाँ कृषि व्यवसाय के लिए बहुत सारे अवसर मौजूद हैं।
अगर आप कृषि क्षेत्र में नए हैं, तो आप पहले अपनी ज़मीन की जांच कर सकते हैं और उत्तम खेती करने के लिए फ़सल विवरण का अध्ययन कर सकते हैं। यदि आपके पास अच्छी जमीन है, तो आप किसी भी फ़सल की खेती कर सकते हैं। इसमें फल-सब्जी की खेती, चावल, गेहूं, मक्का और आलू शामिल हो सकते हैं।
भारत वो देश है, जहाँ लगभग 80% लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और अपनी रोजी-रोटी के लिए खेती करते हैं।
खेती भारत की आर्थिक वृद्धि का एक मुख्य स्रोत है, लेकिन खेती संबंधित समस्याओं का भी मुख्य कारण बनती है। इसमें से एक समस्या है कि फ़सलों का उत्पादन कम होता जा रहा है और उनमें पोषण की मात्रा भी कम होती जा रही है।
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कृषि उत्पादकों के लिए, कीट-रोग नियंत्रण सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है, जो फ़सलों के पैदावार में बड़ी भूमिका निभाता है। यदि आप फसलों के कीटों और बीमारियों से निपटने के लिए तैयार हैं, तो आपको इस ब्लॉग में बताए गए 5 तरीकों को अपनाकर फ़सलों को कीट और बीमारियों से बचाव के बारे में जानना चाहिए।
जैविक खेती: जैविक खेती से फ़सलों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और कीटों को रोकती है। यह तरीका अन्य तरीकों से अधिक सस्ता और पर्यावरण के लिए अधिक उपयोगी है